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रविवार, 16 फ़रवरी 2020

SHABAR MANTRA eBOOK PART 21-MANCHAHI SIDDHI | शाबर मन्त्र भाग 21 मनचाही सिद्धि |

SHABAR MANTRA eBOOK PART 21-MANCHAHI SIDDHI


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आप इस ब्लॉग पर आये सो सबसे पहले आपको धन्यवाद की आप ने अपना कुछ समय यहाँ पर दिया और हम समझते हैं कि शायद आप की यह रूचि भी होगी की विषय वस्तु को और अधिक जानने की कोशिश करें | तो हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि यह ब्लॉग आप के लिए फायदेमंद साबित होगा जहाँ आपको  शाबर मन्त्र, तन्त्र, यन्त्र और टोटको से सम्बंधित अनेको प्रमाणिक ज्ञानवर्धक सामग्री प्राप्त हो सकती है |

हमारे नियमित पाठकगण, साधक अक्सर हमे अपने अनुभव, प्रयोग आदि के विषय में बताते रहते है और अपनी शंकाओ के समाधान भी समय समय पर प्राप्त करते रहते है | आप अधिक जानकारी यहाँ देख सकते है >>>>Click Me>>>>


और अभी तक हमारे नियमित साधकोपाठको द्वारा ऐसी ईबुक जिसके द्बवारा मनचाही सिद्धि प्राप्त होसात्विक-तामसिक-देवी-देवता-भूत-प्रेत-जिन्न-परी-मुव्वकिल-मसान-मुंजा-कलवा-वीर-बेताल-आत्मा-यक्षिणी-भूतनी-चुड़ैल-पीर-सय्यद-अघोर,शमशानिक शक्तियां व् अन्य इथर शक्तियों की प्राचीनगुप्तप्रमाणिक शाबर साधनातन्त्रप्रयोग व् सिद्धि की बार बार मांग करने पर हम साधकोंपाठको के लिए   Shabar Mantra Part 21 लेकर आये है | 



शाबर मन्त्र भाग 21 मनचाही सिद्धि | SHABAR MANTRA PART 21-MANCHAHI SIDDHI


शाबर मन्त्र भाग 21 में आपको भूत, प्रेत, जिन्न, मसान, देवी, देवता, वीर, पीर, सय्यद, अघोर, श्मशानी शक्तिया जैसी अनेक शाबर मन्त्र साधनाए मिलेगी अर्थात प्रत्यक्षीकरण साधना  मिलेगी | जिनको सिद्ध करने के बाद आप उनसे मनचाहा काम करवा सकते हैइस शाबर मन्त्र भाग 21 में बहुत सी सात्विक व् तामसिक साधनाए दी गयी है जोकि सरल भी है और भयावह भी है | और इनको सिद्ध करने की इच्छा तो बहुत से साधक करते है लेकिन मार्गदर्शन के आभाव में वे सही दिशा की  ओर साधन नही करते है तो ऐसे साधको के लिए यह शाबर मन्त्र भाग 21 अतुल्य निधि के समान अपनी अद्वितीय भूमिका निभाएगी इसी आशा, विश्वास और उम्मीद के साथ इसको ईबुक के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है | ये साधनाए कमजोर दिल वाले व्यक्तियों के लिए नही है | जो इस तन्त्र क्षेत्र में है और जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की सोच रखते है, जो मेहनत कर सकते है

भारतीय पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता में, अलौकिक शक्तियों या दैवीय प्राणियों को विभिन्न नाम दिए गए हैं। ये नाम अक्सर विभिन्न क्षेत्रीय मान्यताओं और परंपराओं के आधार पर भिन्न होते हैं। भारतीय संस्कृति में अलौकिक शक्तियों से जुड़े कुछ सामान्य नाम यहां दिए गए हैं:


  • देव/देवी: शब्द "देव" देवताओं या दिव्य प्राणियों को संदर्भित करता है, जबकि "देवी" देवी को संदर्भित करता है। उन्हें दैवीय माना जाता है और उनके पास अलौकिक शक्तियां होती हैं।
  • असुर: असुर नकारात्मक शक्तियों या राक्षसों से जुड़े शक्तिशाली प्राणी हैं। उन्हें अक्सर देवों के विरोधियों के रूप में चित्रित किया जाता है।
  • यक्ष/यक्षिणी: यक्ष और यक्षिणी प्रकृति की आत्माएं या उर्वरता, समृद्धि और सुरक्षा से जुड़ी दिव्य प्राणी हैं।
  • गंधर्व/गंधर्वी: गंधर्व आकाशीय संगीतकार और गायक हैं, जबकि गंधर्वी महिला समकक्ष हैं। वे अपनी करामाती संगीत क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं।
  • राक्षस/राक्षसी: राक्षस पुरुषवादी अलौकिक प्राणी या राक्षस हैं जो अपने उग्र और अक्सर दुष्ट स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। Rakshasis, Rakshasas की महिला समकक्ष हैं।
  • नागा: नाग सर्प जैसे जीव या जल निकायों और प्राकृतिक तत्वों से जुड़े देवता हैं। उन्हें अक्सर शक्तिशाली और सुरक्षात्मक प्राणियों के रूप में चित्रित किया जाता है।
  • अप्सराएं: अप्सराएं आकाशीय अप्सराएं या खूबसूरत महिलाएं हैं जो अपनी कृपा, आकर्षण और नृत्य के लिए जानी जाती हैं। वे स्वर्गीय क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं।
  • मरुत: मरुत प्रकृति की शक्तियों से जुड़े तूफान देवता हैं, जैसे कि गड़गड़ाहट, बिजली और हवा।
  • सिद्ध: सिद्ध आत्मज्ञानी प्राणी या निपुण हैं जिन्होंने आध्यात्मिक अभ्यास और ध्यान के माध्यम से अलौकिक शक्तियां प्राप्त की हैं। उन्हें अत्यधिक विकसित और चमत्कारी कारनामों में सक्षम माना जाता है।

ये भारतीय संस्कृति में अलौकिक शक्तियों से जुड़े नामों के कुछ उदाहरण मात्र हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन प्राणियों की व्याख्या और समझ भारत के भीतर विभिन्न पौराणिक कथाओं, धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं में भिन्न हो सकती है।

NOTE : यह ईबुक मनोरंजन के लिए नही है | और ना ही कोई भी  कमजोर दिल के पाठक इसमें दी गयी साधना को बिना सोचे समझे, बिना किसी सक्षम गुरु के, या बिना समर्थ साधक के दिशा निर्देश में करने का प्रयास ना करे |  


चेतावनी : BLOG तथा EBOOKS का उद्देश्य केवल विषयवस्तु से परिचित कराना हैं तथा इन प्रयोगों व मन्त्रों का चंचलता से प्रयोग करना या जांचने के उद्देश्य से प्रयोग अथवा किसी बेगुनाह को कष्ट देने हेतु अथवा अपने गलत नियत से किसी पर प्रयोग करने पर स्वयं का नुकसान होना संभव हैं | BLOG तथा EBOOKS पर दिए गये मन्त्र, तन्त्र व यंत्र प्रयोग प्रमाणिक हैं तथा इनके परिणाम भी शीघ्र प्रकट होते हैं | BLOG तथा EBOOKS पर दिए गये इन मन्त्रो, तंत्रों, यंत्रो व प्रयोगों से किसी भी तरह का शारीरिक, मानसिक नुकसान के लिए लेखक अथवा लेख किसी भी प्रकार जिम्मेदार नहीं हैं | आप स्वयं की जिम्मेदारी पर ही सोच समझ कर प्रयोग करें | हालाँकि EBOOKS में पूरी विधि, समाधान व उपाय दिए गए हैं जिनसे की किसी भी तरह का नुकसान होना संभव नहीं हैं लेकिन हम किसी भी तरह की फायदे या नुक्सान की जिम्मेदारी नही लेते है |
हमारा मुख्य उद्देश्य यही है कि हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से और इंटरनेट पर उपलब्ध भ्रमित करने वाले अन्य मंत्रों से हटकर आपको शुद्ध प्राचीन व प्रमाणिक मंत्र साधना व टोटके प्रदान करें।और हम यही चाहते हैं कि जैसा कि पहले किसी समय में हमारे भारतवर्ष में मंत्र साधना का बहुत ही नाम व प्रचलन था लेकिन धीरे-धीरे अब वे सभी साधनाएं लुप्त हो चुकी है और उनका कारण यही था कि जिन ज्ञानियों के पास जो ज्ञान था उन्होंने उस ज्ञान का विस्तार ज्यादा नहीं किया या शायद उन्होंने इस ज्ञान का विस्तारण जरूरी नहीं समझा और परिणाम स्वरुप वह अपने मंत्र साधना विज्ञान को अपने साथ ही ले गए और अब जो कुछ भी मंत्र तंत्र साधना आदि बची है वह केवल नाम मात्र की है। तो हमारा उद्देश्य यही है कि हम उन मंत्र-तंत्र साधनाओं को संग्रहित करें और जरूरतमंदों के पास पहुंचाए पहुंचाए ताकि वें लोग भी अपनी समस्याओं का निदान पा सके और अपने रिश्तेदारों भाई बंधुओं वह प्रेमी जनों की दुखों को दूर करें और समाज में भलाई का कार्य करें लोगों की सहायता करें


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शुभेच्छक 

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