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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

Gramin Shabar Mantra Sikhe on WhatsApp | ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या सीखे WhatsApp पर

अब हमारे द्वारा ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है जिसमे आप शामिल होकर ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या को ग्रहण कर सकते है और स्वयं का तथा अन्य लोगो को कष्टों से मुक्त करवा कर खुशहाल जिन्दगी के लिए प्रेरित करेंगे और होंगे |

 


हमारे द्वारा संचालित “पावरफुल शाबर मन्त्र” ब्लॉग और यू-ट्यूब चैनल के द्वारा अभी तक बहुत से लोगो की समस्याओ का समाधान करने के बाद और हमसे जुड़े चुनिन्दा शाबर मन्त्र सिद्ध करने वाले साधको को समय समय पर “विशेष” शाबर मन्त्र प्रयोग और शंका समाधान करने के बाद अब हम अपने “ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या” कार्यक्रम की शुरूआत कर रहे है | जिसमे आप श्री शाबर मन्त्र साधना के इच्छुक साधको/ भगतो/ गृहस्थ/ आमजन को हम हार्दिक आमंत्रित करते है जिसका मुख्य उद्देश्य: समाज के लिए उपयोगी, लाभदायक व् आदर्श साधको (भगतो) का निर्माण, स्थापना करना जो की समाज में आध्यात्मिक आदर्शो मूल्यों को स्थापित कर सके और ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या का सकारात्मक रूप में प्रचार-प्रासार कर सके |

 

I will teach you my secret tantra remedies for success in your life by learning only Shabar Mantra, Tantra and meditation you can achieve anything you want to achieve in your life.

मैं आपको अपने जीवन में सफलता के लिए अपने गुप्त तंत्र उपाय सिखाऊंगा केवल शाबर मंत्र, तंत्र और ध्यान सीखकर आप अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं उसे प्राप्त कर सकते हैं।

 

तंत्र विद्या कैसे सीखें इसका उत्तर देने से पहले, सर्वशक्तिमान ईश्वर, अलौकिक शक्तियों की प्रकृति और अंतरिक्ष में समय की गति के बारे में जानना आवश्यक है। तंत्र विद्या, तंत्र मंत्र या जादू मंत्र वास्तव में अपने समय को ध्यान में रखते हुए विभिन्न अलौकिक शक्तियों का उपयोग करने वाले जीवों पर आध्यात्मिक संचालन हैं।

 


कहां से शुरू करें

इसके लिए सबसे पहले किसी नेक गुरु की तलाश से शुरुआत करें। हालांकि शाबर मंत्र विद्या में गुरु हमेशा गुरु गोरखनाथ होते हैं। वह हमेशा जीवित रहने वाला गुरु है क्योंकि वह कभी नहीं मरें। लेकिन फिर भी मार्गदर्शन के लिए एक नेक गुरु की आवश्यकता होती है। आपको हमेशा अपने गुरु के प्रति समर्पित रहना चाहिए। वह जो भी कहें या मार्गदर्शन करें, बस उसका पालन करें। इसके बारे में ज्यादा मत सोचो। धीरे-धीरे आपको सफलता मिलने वाली है।

 

ग्रामीण तंत्र में क्या सीखना है

सर्वशक्तिमान ईश्वर की शिक्षा हमेशा शीर्ष पर होती है। आपको ब्रह्माण्ड के साथ आधुनिकयुग की सापेक्षता और ब्रह्मांड की अलौकिक शक्तियों की अनदेखी दुनिया को सीखना चाहिए। आपको विभिन्न अलौकिक शक्तियों की प्रकृति और सृष्टि में उनके स्थान, भूमिका के बारे में पता होना चाहिए। आपको तंत्र में लगभग सभी कर्म की परिभाषा व्यावहारिक रूप से जाननी चाहिए।

हमारे द्वारा संचालित “ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या” कार्यक्रम जिसका मुख्य उद्देश्य: समाज के लिए उपयोगी, लाभदायक व् आदर्श साधको (भगतो) का निर्माण, स्थापना करना जो की समाज में आध्यात्मिक आदर्शो मूल्यों को स्थापित कर सके और ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या का सकारात्मक रूप में प्रचार-प्रासार कर सके | अत: आप इस कार्यक्रम में आप निम्नलिखित ग्रामीण शाबर मन्त्र तन्त्र विद्या सीखेंगे और सफलता भी प्राप्त करोंगे-

 

»   शारीरिक, स्थान, व् व्यापार आदि की अज्ञात अडचन, तन्त्र बाधा, तांत्रिक प्रयोग आदि से रक्षा करना |

»   गृह-क्लेश, व्यापार-रोजगार बंधन, भूत-प्रेत बाधा, अज्ञात अडचन, तन्त्र बाधा, तांत्रिक प्रयोग, किया-कराया, जादू-टोना, तन्त्र मन्त्र आदि से मुक्ति के उपाय व् मन्त्र-तन्त्र का उतारा करने योग्य क्षमता बनाना |

»   आपके आध्यात्मिक पथ को अग्रसर करना जिससे की आप और भी लाभान्वित हो सके |

»   कुछ विशेष मन्त्र साधनाए, प्रयोग, सेवाए (विशेष देवी-देवता जैसे कुलदेवी-कुलदेवता, पितृ आदि की विशेष अवधि की विशेष पूजा-पाठ, नियम आदि) जो आपके लिए एक साधक, भगत होने के नाते विशेष जरूरी है और आपके मार्ग को सरल व् सुगम बनाने हेतु अनिवार्य भी है |

»   सुरक्षित व् खुशहाल जीवन |

 

बुरी शक्तियों से बचाव

तंत्र विद्या सीखने में यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है जो केवल महान गुरु के पवित्र चरणों में रहने से ही संभव है। तंत्र सीखने के शुरुआती चरणों में, आपकी आत्मा खुद को बुरी शक्तियों के नकारात्मक प्रभाव से बचाने में सक्षम नहीं होती है, जो कि एक घातक गलती होने पर भी आप पर हावी हो सकती है। इसलिए, आप जिस महान गुरु से सीख रहे हैं, उसके आदेशों या निर्देशों का हमेशा पालन करें। याद रखें कुछ क्रियाएं अपरिवर्तनीय हैं। होशियार होने की कोशिश न करें क्योंकि इससे आपका जीवन हमेशा के लिए खतरे में पड़ सकता है।


मैं तन्त्र प्रेमियों को व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन रूप से शाबर मंत्र, तंत्र और ध्यान के सकारात्मक लाभों के बारे में बता रहा हूं।

शाबर मंत्र, तंत्र और ध्यान प्रामाणिक पारंपरिक भारतीय ग्रामीण तंत्र है, हमारे पाठ्यक्रम में ग्रामीण तंत्र, ग्रामीण मन्त्र, ग्रामीण टोटके, ग्रामीण उपाय, तांत्रिक मंत्र, तांत्रिक मुद्रा, तांत्रिक उपचार और गुप्त तांत्रिक अभ्यास सहित शक्तिशाली ध्यान श्रृंखला शामिल हैं। हमारा पाठ्यक्रम तंत्र के अध्ययन में एक गहरा गोता लगाने वाला है।

प्राचीन ग्रामीण तंत्र परंपराओं के अनुसार, मैं अपने ज्ञान को किसी भी गंभीर साधक के साथ साझा करने के लिए तैयार हूं जो सीखने को तैयार है। मैं ग्रामीण शाबर तंत्र

विषय पर विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान करता हूं। जहाँ पर आपका मासिक शुल्क निर्धारित होगा |

 

योग्यता

तंत्र विद्या सीखने के लिए सबसे पहली योग्यता है अपने गुरु पर पूर्ण विश्वास रखना। वह आपसे जो कहता है उसका पालन करते रहें।

विशेष रूप से केवल शाबर मन्त्र साधना के इच्छुक व्यक्तियों के लिए है |

आपको बताई गयी साधना, विधि में कुतर्क करने के लिए बेवजह अपने दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल न करें।

आपकी जाति, धर्म, कुछ भी हो आप, ग्रामीण शाबर तंत्र साधना सिख सकतें हैं | सभी को एक समान विद्या प्रदान की जाएगी |

यह प्रोग्राम केवल शाबर मन्त्र सिखने के प्रबल इच्छुक साधको, भगतो, आमजन, गृहस्थ/ स्त्री-पुरुष सभी के लिए है |

आप चाहे स्त्री हो या पुरुष हो, आप ग्रामीण शाबर तंत्र साधना सिख सकतें हैं |

मजबूत कल्पना शक्ति |

मानवता की सेवा करके सर्वशक्तिमान ईश्वर की सेवा करने का लक्ष्य रखें।

 

 

महत्वपूर्ण लेख

निर्देशों का पालन करें और आँख बंद करके अपने गुरु के आदेशों का पालन करें।

अपने आप को अपने गुरु के पवित्र चरणों में समर्पित करें।

अपने गुरु का सम्मान करें और किसी भी मंत्र का प्रयोग करने से पहले उन्हें याद रखें।

कोई दृष्टि या शक्ति मिले तो अपने गुरु से ही चर्चा करें, किसी और से नहीं।

कभी भी शक्तियों का खुलासा न करें, जो आप गुरुजी से प्राप्त कर रहे हैं।

सिद्धि का खुलासा कभी मत करो, जो आपको गुरुजी से प्राप्त हो रही हो।

 

शाबर मंत्र दीक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। यहाँ हम आपको सीमित दायरे की दीक्षा (सात्विक/तामसिक शाबर मन्त्र, सत्कर्म व् समाजोपयोगी शाबर मन्त्रो की दीक्षा जिससे केवल रक्षा, भलाई करने में आप सामर्थ होंगे | जिसमे अभिचार कर्म शामिल नही होगा ) प्रदान करेंगे जिससे की आप स्वयं की रक्षा करने में सक्षम होंगे और अपने परिवार की भी रक्षा करने में सक्षम होंगें और अपने प्रियजनों की पीड़ा-व्यथा, परेशानीयों का समाधान करने में सक्षम होंगे । परिवार व स्वयं के क्लेशों को दूर कर पाएंगे, ऊपरी बाधा, तँत्र बाधा, जादू टोना आदि सके उतपन्न परेशानियों को दूर करने का सामर्थ्य प्राप्त होगा।

 

यह कार्यक्रम किस प्रकार कार्य करता है

एक बार जब आप मेरे साथ एक पाठ्यक्रम का पालन करने का निर्णय लेते हैं, तो आपको हमारे WhatsApp ग्रुप से जोड़ दिया जायेगा | जहाँ पर आपको समय समय पर आध्यात्मिक ज्ञान और ग्रामीण शाबर तंत्र साधनाएं दी जाएगी | जिनका आपको पालन करना होगा | ग्रामीण शाबर तंत्र साधना के दौरान आने वाली समस्या और शंकाओ का समाधान किया जायेगा | WhatsApp ग्रुप में आपको ग्रुप के नियमो का सख्ती से पालन भी करना होगा और हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली समस्त बातों, साधनाओ को गुप्त रखना होगा |

यह शाबर मन्त्र दीक्षा केवल उसी के लिए है जिसे ‘गुरु’ और ‘शाबर मन्त्र’ पर विश्वास होगा और साथ ही  ‘आस्तिक, मेहनती, लगनशील, आत्मविश्वासी, परोपकारी’ हो | चाहे आपके पहले कोई गुरु थे, या नही थे, इससे आपको कोई नुकसान नही होगा |

 

इसके लिए कितनी दानराशि है?

प्राचीन ग्रामीण तंत्र परंपराओं के अनुसार, मैं अपने ज्ञान को किसी भी गंभीर साधक के साथ साझा करने के लिए तैयार हूं जो सीखने को तैयार है। मैं ग्रामीण शाबर तंत्र

विषय पर विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान करता हूं। साधनाये आपको शून्य चरण से शुरू करवाई जाएगी | अत: अपना ज्ञान पूर्व में ही झाड़ दे फिर हमसे जुड़े | और साधनाये आपको नियमानुसार ही करवाई जाएगी | जहाँ पर आपका मासिक शुल्क निर्धारित होगा | जोकि अभी तक निर्धारित नही है फिर भी न्यूनतम राशी 151/- से 551/- तक ही अथवा इससे भी कम निर्धारित होगी | और सदस्यों की संख्या भी निर्धारित होगी |

 

शाबर मंत्र दीक्षा कब से प्रारम्भ होगी ?

नववर्ष पर एक नया विचार और जनकल्याण की भावना लेकर चला हूँ और 14/15 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर-संक्रांति कहलाता है | सूर्य की मकर-संक्रांति को महापर्व का दर्जा दिया गया है | संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है | मान्यता है कि मकर-संक्रांति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है और दैत्यों का सूर्यास्त होने पर उनकी रात्रि प्रारंभ हो जाती है | और इसी दिन (मकर-संक्रांति) से हमारे द्वारा नवसाधकों को मन्त्र तन्त्र विद्या की शुरुआत की जाएगी |

 

शाबर मंत्र दीक्षा कार्यक्रम में जुड़ने के लिए क्या करे ?

14/15 जनवरी 2022, मकर-संक्रांति पर्व की शुभवेला से हमारे द्वारा नवसाधकों को मन्त्र तन्त्र विद्या की शुरुआत की जाएगी | जिसका अंतिम निर्धारण 12 जनवरी 2022 तक हो जायेगा | सदस्यों की संख्या निर्धारित रहेगी, अगर आप इच्छुक हैं तो अभी प्रतिक्रिया करें अत: पूर्वनिधारित सदस्य सीमा के बाद शुल्क जमा होना भी स्वत: समाप्त हो जायेगा |

ध्यान रहें : मासिक शुल्क निर्धारित होगा |

 

शाबर मंत्र दीक्षा कार्यक्रम में जुड़ने के लिए शुल्क कैसे भेंजे ?

आप निचे दिए गये लिंक पर क्लिक करे आपको ऑनलाइन शुल्क जमा करवाने की सुविधा मिल जायेगी | आप अपनी सुविधानुसार चयन करें |

 

शाबर मंत्र दीक्षा कार्यक्रम में जुड़ने के लिए शुल्क भेजने के बाद क्या होगा ?

आपको हमारी तरफ से एक PAYMENT CONFIRMATION ईमेल अथवा मेसेज भेजा जायेगा और आपको WhatsApp ग्रुप में जोड़ दिया जायेगा | 

अथवा निचे क्लिक करें 

https://imjo.in/FvyF2D

 

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सदा दूर रहो ग़म की परछाइयों से,

सामना ना हो कभी तन्हाइयों से,

हर अरमान हर ख़्वाब पूरा हो आपका,

यही दुआ है दिल की गहराइयों से!!

नए साल 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं!

बुधवार, 29 दिसंबर 2021

KALI PANCH BAAN | ROJGAR KE LIYE KALI MATA MANTRA | काली पञ्च वाण

धन क्यों जरूरी

धन समाज में व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि करता है और उसकी एक अच्छी छवि का निर्माण करता है। हम सभी व्यापार, अच्छी नौकरी, अच्छे व्यवसाय आदि के माध्यम से अधिक से अधिक धन कमाकर धनी होना चाहते हैं ताकि, हम आधुनिक समय की बढ़ती हुई सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। 

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आज के इस युग में प्रत्येक व्यक्ति अच्छे रोजगार की प्राप्ति में लगा हुआ है पर बहुत प्रयत्न करने पर भी अच्छी नौकरी नहीं मिलती है | रोजगार सम्बन्धी किसी भी समस्या के समाधान के लिए इस मन्त्र का प्रतिदिन 11बार सुबह और 11बार शाम को जप करे |

KALI PANCH BAAN | ROJGAR KE LIYE KALI MATA MANTRA | काली पञ्च वाण


धन का महत्व क्या 

शास्त्रों में मनुष्य जीवन के लिए चार पुरुषार्थ कहे गए हैं-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इस विषय में सरलता से कहा जाए तो यह है धर्मपूर्वक अर्थ [धन, संपत्ति] कमाते हुए अपनी इच्छाओं का पालन करना और धर्म पूर्वक कार्य करते हुए मोक्ष प्राप्त करना अर्थात् बार-बार जीवन-मरण के दु:ख से छुटकारा पाकर परम् शांति प्राप्त करना। धर्म को शास्त्रों में अनेक प्रकार से परिभाषित किया है। मनुस्मृति के अनुसार आचार: परमो धमर्: अर्थात् आचार ही परम धर्म है। जो संसार को धारण कर रहा है और जिसे धारण करना संसार का कर्तव्य है, वह धर्म है, दूसरे रूप में कहें तो धर्म ही आचार है। वेद और वेदानुकूल स्मृतियों में सत्य बोलना और सत्कार्यो व सद्विचारों को रखते हुए व्यवहार करना ही आचार है। इसके साथ सत्य हमेशा जुड़ा रहने से इसे सदाचार भी कहा जाता है। समस्त मानवों में यह सदाचार समान होने से सार्वभौमिक मानव धर्म समान है। मनुष्य को जीने के लिए धन की आवश्यकता होती है। यजुर्वेद के एक मंत्र में कहा गया है कि-वयं स्थाम पतयो रयीणाम् अर्थात् हम धन ऐश्वर्यो के स्वामी हों। वेद में अनेक ऐसे मंत्र हैं जिनमें कहा गया है कि हम पुरुषार्थ करते हुए धन व ऐश्वर्य प्राप्त करें, जिससे घरों में धन-धान्य की कमी न रहे, परंतु यह भी कहा गया है कि हम पाप से प्राप्त धन को अपने पास से हटाएं, शुभ लक्ष्मी हमारे पास रहे और पाप से प्राप्त लक्ष्मी नष्ट हो जाए। धन प्राप्ति के लिए अपनाया गया साधन भी उत्तम होना चाहिए। बिना परिश्रम किए लूट, चोरी या भ्रष्टाचार से कमाया गया धन हितकारी नहीं है। यदि हम धर्मपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं तो धन की आवश्यकता सीमित होती है। धन हमें अपनी योग्यता-परिश्रम के बल पर ही प्राप्त करना चाहिए। आज संचार के अधिक साधन होने के कारण व बचपन से ही उचित संस्कार न मिलने के कारण हमारी मनोवृत्ति भौतिकता की ओर अग्रसर हो गई है और हम येन केन प्रकारेण धन प्राप्त करना चाहते हैं, परंतु धन की शुद्धता भी आवश्यक है, जिसके लिए साधनों की पवित्रता भी आवश्यक है।


काली वाण : प्रथम वाण

 

ॐ नमः काली कंकाली महाकाली

मुख सुन्दर जिए ब्याली

चार वीर भैरों चौरासी

बीततो पुजू पान ऐ मिठाई

अब बोलो काली की दुहाई |

 

काली वाण : द्वितीय वाण

 

ॐ काली कंकाली महाकाली

मुख सुन्दर जिए ज्वाला वीर वीर

भैरू चौरासी बता तो पुजू

पान मिठाई |

 

काली वाण : तृतीय वाण

 

ॐ काली कंकाली महाकाली

सकल सुंदरी जीहा बहालो

चार वीर भैरव चौरासी

तदा तो पुजू पान मिठाई

अब बोलो काली की दुहाई |

 

काली वाण : चतुर्थ वाण

 

ॐ काली कंकाली महाकाली

सर्व सुंदरी जिए बहाली

चार वीर भैरू चौरासी

तण तो पुजू पान मिठाई

अब राज बोलो

काली की दुहाई |

 

काली वाण : पंचम वाण

 

ॐ नमः काली कंकाली महाकाली

मख सुन्दर जिए काली

चार वीर भैरू चौरासी

तब राज तो पुजू पान मिठाई

अब बोलो काली की दोहाई |

 

काली पञ्च वाण सिद्ध करने की विधि / काली पञ्च वाण पाठ करने की विधि : 

इस मन्त्र को सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है | यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है केवल माँ काली के सामने अगरबती जलाकर 11 बार सुबह और 11 बार शाम को जप कर ले | मन्त्र एक दम शुद्ध है भाषा के नाम पर हेर फेर न करे शाबर मन्त्र जैसे लिखे हो वैसे ही पढने पर फल देते है शुद्ध करने पर निष्फल हो जाते है |


उपरोक्त मन्त्र को डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें DOWNLOAD NOW !




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