प्रश्नफल विचार अर्थात पूच्छा या फालनामा
फालनामा ज्योतिष, तंत्रविद्या एवं आगमशास्त्र का एक अद्भुत संग्रह है। इन फालनामों का उपयोग आज भी स्थानीय विद्वान/ज्योतिषी/भगत आदि विभिन्न जन-समस्याओं के समाधान के लिए प्रयोग करते हैं और दैनन्दिन कर्मकांड, ज्योतिष, वैद्यक के कार्य प्रश्नफल विचार अर्थात पूच्छा या फालनामा के आघार पर हुआ करते हैं।
एक ऐसी विद्या है जो मानव जाति के मन में उठने वाले सवालों का सटीक जवाब/ फलादेश करती है | किसी भी कार्य का चिन्तन करके हम उस कार्य की सिद्धि / परिणाम को जान सकते है व् जरूरत हो तो कार्य की पूर्णतया सिद्धि हेतु उपाय भी करते है | मानव प्रजाति की हमेशा से यह इच्छा रही है की वह यह ज्ञात कर सके की जिस भी कार्य को वह करने के प्रयास कर रहा है क्या वह पूर्ण होगा भी या नही ? मन में किसी बात को लेकर हमेशा चिन्तन चलता रहता है की क्या होगा क्या नही होगा? आखिर परिणाम क्या होगा ? मेरी समस्या/पीड़ा/परेशानी क्यों है ? इसका समाधान क्या होगा और कब तक होगा? क्या परेशानी/पीड़ा दूर करने का कोई सरल तरीका नही है?
कोई व्यक्ति शारीरिक या मानसिक कष्ट से गुजर रहा हो या परिवार के सदस्य किसी अनसुझी दशा से दो चार हो रहे हों ऐसे में उन्हें समझ नही आता की आखिर परेशानी काक कारण क्या है ? या कैसे इस परेशानी से निजात पाया जा सकता है ? वे लोग अक्सर पण्डित, भगतों, तान्त्रिको के पास अपनी समस्या का कारण और उपाय जानने के लिए अक्सर यहाँ वहाँ भटकते रहते है | क्योंकि सभी इंसानों में अपनी समस्या का कारण और समाधान दूंधने को लालायित होते हैं |
किसी भी स्थान/घर/दूकान पर या वहाँ रहने वाले क्यों किसी पीड़ा से गुजर रहे है क्या उस स्थान/घर में किसी तरह की बाधा हो सकती है ? आप पर या पीड़ित परिवार की समस्या का कारण कुलदेव, पितृ, तन्त्र बाधा आखिर क्या कारण हो सकता है ?
बहुत जगह इलाज़ (रूहानी) करवाया लेकिन समस्या हल नही हुई क्यों ?
सदा से ही इंसान अपने भविष्य को पहले से ही जानने के लिए उत्सुक रहा है। भविष्य के गर्भ में क्या है, उसके साथ क्या होने वाला है, जो काम वह शुरू करने वाला है क्या वह उसके लिए लाभकारी होगा? किसी के साथ की गयी भागीदारी उसके लिए कहीं नुकसानदायक तो नहीं होगी ? क्या वह अपनी प्रेमिका को पा सकेगा ? आदि आदि और भी न जाने क्या-क्या और कैसे-कैसे भविष्य से जुड़े हुए उसके सवाल, उसकी जिज्ञासा उसे उद्वेलित किये रहती है। वह सोचता रहता है काश कोई व्यक्ति कोई तरीका ऐसा हो जो उसे उसके इन अनबुझे सवालों के सही-सही जवाब दे दे।
संसार के सभी सम्प्रदायों में अवश्य हो कोई न कोई विधि ऐसी जरूर होती है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में अपने द्वारा किये जाने वाले कार्यों के सही और गलत होने के बारे में सटीकता से जान सकता है। इस्लामिक सम्प्रदाय में भी भविष्य दर्शन के लिए ऐसी ही एक कला एक विधि है जो व्यक्ति को उसके भविष्य में क्या छुपा है , बतला देती है और फालनामो से परिचित कराया जा रहा है।
जिस भी इंसान को इस विषय में रूचि हो तो वह भी इस पुस्तक से लाभ उठा सकता है | लोगो को उनकी समस्या/पीड़ा/परेशानी का कारण बता कर प्रभावित कर सकता है और साथ हि उनकी समस्या/पीड़ा/परेशानी का उपाय/समाधान/टोटके आदि बता कर समाज में एक सामाजिक/पण्डित/ओझा/भगत जैसा नाम कमा सकता है | और अगर वह चाहे तो लोगो को समस्या-समाधान बताने हेतु न्यूनतम शुल्क भी प्राप्त कर सकता हैं |
पृष्ठ : 207+ भाषा : हिंदी राशि : 299 /-
Note: यह पुस्तक मनोरंजन का साधन नही हैं और ना ही हमारा उद्देश्य पाठकों में किसी भी प्रकार के वहम अथवा अंधविश्वास को पैदा करना नहीं हैं | इस पुस्तक में वर्णित सभी बातों को ध्यानपूर्वक लिखा गया है लेकिन मानवीय भूल सम्भव हैं | पुस्तक को केवल विषय वस्तु से परिचित करवाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है |