शाबर मंत्रों की साधना
के लिए गुरु की अनिवार्यता नही होती है #
इसीलिए तो इन्हें शाबर मन्त्र कहते है ताकि इनसे सभी जन फायदा उठा सके
चाहे वे शिक्षित हो या अनपढ़, सभी के लिए उपयोगी है| शाबर मन्त्रो की उत्पत्ति मुख्यतः कलयुग के समय, अवस्था के पुर्वानुमान
पर हुई थी|
इन मंत्रो को सिद्ध
करने के लिए शाबर मंत्र साधना को किसी भी धर्म, जाति, वर्ण, आयु का पुरुष या स्त्री कोई भी कर सकता है।
शाबर मन्त्र साधनामें जाति या धर्म का कोई बंधन नही माना जाता है और फिर आज शबर
मन्त्रो में ही हमें सब धर्मो का नाम एक ही साथ देखने को मिलता हैं | कोई भी व्यक्ति जो शाबर
मन्त्रो पर विश्वास, निष्ठा, लगन रखता है, देवी देवताओं पर
विश्वास रखता है वह ये साधनायें कर सकता है |
शाबर मन्त्रों की साधना
में गुरु की इतनी आवश्यकता नहीं रहती, क्योंकि इनके प्रवर्तक स्वयं सिद्ध साधक, तांत्रिक, भक्त रहे हैं। तथा इनका
निर्माण भी आमजन, साधारण व्यक्ति के हितों को ध्यान में रखकर ही किया गया था | जिससे की कोई भी इनका
उपयोग करके अपना मनोरथ सिद्ध कर सके व अपनी परेशानीयों का हल कर सके |
शाबर मन्त्र साधना में
वैसे तो गुरु का कोई मुख्य महत्व नहीं होता क्योंकि लगन, विश्वास, दृढ़ता, पवित्रता आदि ही मुख्य
गुर हैं, जो आपको साधना में सफलता
तक ले जाती हैं फिर भी अगर कोई निष्ठावान् साधक गुरु बन जाए, तो कोई आपत्ति नहीं
क्योंकि वह किसी होनेवाले नुकसान से वह
बचा सकता है। तथा हमारा उचित मार्गदर्शन कर सकता हैं | शाबर मन्त्र साधना के
अतिरिक्त साधनाओ में गुरु का तात्पर्य एक ऐसे व्यक्ति से है जो आपको भी जानता है
और देवताओं को भी जानता है| वह साधना के मार्ग पर चला है इसलिये आपको वह मार्ग बता सकता है | मंत्र साधनाओं से शरीर
में उर्जा का संचार होने लगता है, और इस उर्जा को सही दिशा में ले जाना जरूरी होता है जो केवल और केवल गुरु
ही कर सकता है | गुरु भी
पहले शिष्य होता है, वह अपने गुरु के सानिध्य में साधना कर गुरुत्व को प्राप्त होता है |
यदि आप फिर भी शाबर
मंत्र दीक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। यहाँ हम आपको
सीमित दायरे की दीक्षा (सात्विक/तामसिक शाबर मन्त्र, सत्कर्म व् समाजोपयोगी शाबर मन्त्रो की दीक्षा जिससे केवल रक्षा, भलाई करने में आप सामर्थ होंगे | जिसमे अभिचार कर्म शामिल नही होगा ) प्रदान करेंगे जिससे की आप स्वयं की रक्षा करने में सक्षम होंगे और अपने
परिवार की भी रक्षा करने में सक्षम होंगें और अपने प्रियजनों की पीड़ा-व्यथा, परेशानीयों का समाधान
करने में सक्षम होंगे । परिवार व स्वयं के क्लेशों को दूर कर पाएंगे, ऊपरी बाधा, तँत्र बाधा, जादू टोना आदि सके
उतपन्न परेशानियों को दूर करने का सामर्थ्य प्राप्त होगा।
सत्कर्म व् समाजोपयोगी शाबर मन्त्रो की दीक्षा लेने के लिए न्यौछावर राशि (3100/-, 5100/- या सामर्थ्यानुसार) स्वयं चुनाव कर सकते हैं । जैसी आपकी श्रद्धा हो।
न्यौछावर राशि 5100 के साथ में शाबर मन्त्र दीक्षा + शाबर मन्त्र
महाशास्त्र eBook शामील है |
दीक्षा राशी प्राप्ति के पश्चात शाबर मन्त्र सम्बन्धित अमूल्य ज्ञान दिया
जायेगा जो केवल गुरु-शिष्य परम्परा में ही निहित रहता है अन्य किसी को बताया नही
जाता |
समय-समय पर शाबर मन्त्रो की दीक्षा ईमेल, फोन, वोईस/वीडियो मैसेज आदि के
द्वारा दी जाएगी | और साधना सम्बन्धित सभी नियम, बातो को
आवश्यक रूप से पूर्णतया समझाया जायेगा जिससे की आपकी साधना में सफलता सुनिश्चित हो
बिना समय-पैसा व्यर्थ गवाएं | समय-समय पर मन्त्र दीक्षित की शाबर मन्त्र साधना से
सम्बन्धित सभी जिज्ञासाओं को निपटाया जायेगा | आवश्यकता होने पर मुलाकात सम्भव है
|
यह शाबर मन्त्र दीक्षा केवल उसी के लिए है जिसे ‘गुरु’ और ‘शाबर मन्त्र’ पर विश्वास होगा और साथ ही ‘आस्तिक, मेहनती, लगनशील, आत्मविश्वासी, परोपकारी’ हो | चाहे आपके पहले कोई गुरु थे, या नही थे, इससे
आपको कोई नुकसान नही होगा |
# : हालाँकि इस महाशास्त्र में सभी गुप्त विधियों को प्रकाशित किया गया है तथा सफलता प्राप्त नही होने की स्थिति में उचित उपाय भी दर्शाए गये है | यदि फिर भी अनुभवी व्यक्ति को गुरु बनाना हितकर ही रहेगा |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें