सर्व-रोग नाशक महाशक्तिशाली मन्त्र
अच्युतानन्त गोविन्द,
नामोच्चारण भेषजात |
नश्यन्ति सकलाः रोगाः,
सत्यं सत्यं वदाम्यहम् ||
सबसे पहले तो इस मन्त्र को अश्विन मास में धन्वन्तरी-त्रयोदशी के दिन स्नान करके शुद्ध कुश के आसन पर बैठकर गाय के घी का दीपक जलाकर इस मन्त्र का एक लाख अट्ठाईस हजार जप करके सिद्ध कर ले | यदि इतना जप एक दिन में सम्भव न हो सके तो लगातार 3, 7, 9 दिन में जप पूरा करके मन्त्र सिद्ध करे |
फिर जब कभी प्रयोग करना हो तब रोगी का हाथ अपने हाथ में लेकर संकल्प सहित मन्त्र को जप करे | 1 घंटे के भीतर ही रोगी को राहत मिलना शुरू हो जाएगी और रोगी को एक अलग ही शक्ति का अहसाह होने लगेगा | फिरि इसी मन्त्र से दूध, पानी, भस्म, औषधि आदि दे रोगी पूरी तरह ठीक हो जायेगा |
यदि मन्त्र को सिद्ध भी नही किया गया हो तो भी इसका प्रयोग किया जा सकता है और परिणाम भी उचित ही आयेंगे | स्नान आदि करके परोपकार की भावना से प्रयोग करे | सफलता जरुर मिलेगी |
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