नज़र दोष निवारण
|| नमो सत्य आदेश
गुरु का
ओम नमो नजर,
जहाँ पर-पीर न जानी
बोले छल सो अमृत-बानी
कहे नजर कहाँ से आई
यहाँ की ठोर ताहि कौन बताई
कौन जाति तेरी
कहाँ ठाम
किसकी बेटी
कहा तेरा नाम
कहां से उड़ी, कहां को जाई
अब ही बस कर ले
तेरी माया तेरी जाए
सुना चित लाए
जैसी होय सुनाऊँ आय
तेलिन-तमोलिन
चूड़ी-चमारी
कायस्थनी
खत-रानी
कुम्हारी
महतरानी
राजा की रानी
जाको दोष
ताही के सिर पड़े
जाहर पीर नजर की रक्षा करे
मेरी भक्ति
गुरु की शक्ति
फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा ||
विधि- मन्त्र पढ़ते हुए मोर-पंख से व्यक्ति को सिर से पैर तक झाड़ दें।
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